उत्तर प्रदेश में पहली बार घटना के महज 28 दिन में गुनहगार को सजा सुनाई गई।
औरैया। उत्तर प्रदेश में त्वरित न्याय की मिसाल सामने आई है। चार वर्षीय मासूम से दुष्कर्म मामले में लगातार 8 दिनों तक सुनवाई कर विशेष न्यायालय (पॉक्सो) ने आरोपित को दोषी करार दिया और नौवें दिन उम्रकैद की सजा सुनाई।
उस पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया है। उत्तर प्रदेश में पहली बार घटना के महज 28 दिन में गुनहगार को सजा सुनाई गई।
यह थी पूरी घटना
औरैया के बेला थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी वादी ने पुलिस को बताया था कि उसकी चार वर्षीय बेटी पड़ोसी श्यामवीर के घर के पास खेल रही थी। श्यामवीर बच्ची को अपने घर ले गया और उससे दुष्कर्म किया। किसी तरह छूटकर घर आई लहूलुहान बच्ची ने घटना की जानकारी मां को दी।
पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपित को जेल भेज दिया था। मामले में विवेचक ने महज 20 दिन में जांच पूरी कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। जिसके बाद मामले की रोजाना सुनवाई शुरू हो गई।
एक दिन में तीन-तीन गवाही
विशेष लोक अभियोजक पाक्सो जितेंद्र सिह तोमर ने बताया कि एक दिन में तीन-तीन गवाहों की गवाही हुई। नौ गवाहों के बयान दर्ज कर न्यायालय ने सजा सुना दी। दोष सिद्ध होने के बाद ही श्यामवीर को इटावा जेल भेज दिया गया था। न्यायालय ने जुर्माने की पूरी धनराशि पीड़िता को उसके चिकित्सकीय व्यय एवं पुनर्वासन के लिए देने का भी आदेश दिया।
दोनों पक्ष मौजूद नहीं थे
फैसले के समय दोनों पक्ष मौजूद नहीं थे। श्यामवीर के परिवारीजनों ने मामले में पैरवी नहीं की। गवाह के लिए भेजी गाड़ी इस मामले में एक गवाह बारिश के चलते फंस गया था। इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक सुनीति को हुई तो उन्होंने उसके लिए तुरंत गाड़ी भेजी और उसे बुलवाकर कोर्ट में गवाही के लिए प्रस्तुत किया।