प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि मालदीव यानी हज़ार से अधिक द्वीपों की माला, मालदीव हिन्द महासागर का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का एक नायब नगीना है जिसकी असीम सुन्दरता और प्राकृतिक सम्पदा हजारों साल से आकर्षण का केंद्र रही है। उन्होंने कहा कि आज मालदीव की इस मजलिस में, आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत हर्ष हो रहा है। मजलिस ने मुझे निमंत्रण देने का निर्णय, सम्माननीय नशीद जी के स्पीकर बनने के बाद अपनी पहली ही बैठक में लिया। यहां अलग-अलग विचारधारा और दलों के सदस्य देश में लोकतंत्र, विकास और शांति के लिए सामूहिक संकल्प को सिद्धि में बदलते हैं। ठीक उसी तरह, जैसे कुछ महीने पहले मालदीव के लोगों ने एकजुट हो कर दुनिया के सामने लोकतंत्र की एक मिसाल कायम की। PM ने कहा कि भारत और मालदीव के संबंध इतिहास से भी पुराने हैं। सागर की लहरें हम दोनों देशों के तटों को पखार रही हैं। ये लहरें हमारे लोगों के बीच मित्रता का संदेश-वाहक रही हैं। हमारी संस्कृति इन तरंगों की शक्ति लेकर फली-फूली हैं। उन्होंने कहा कि मालदीव में स्वतंत्रता, लोकतंत्र, खुशहाली और शांति के संबंध में भारत मालदीव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है।
पाकिस्तान का बिना नाम लिए मोदी ने कहा कि आतंकवाद हमारे समय की बड़ी चुनौती है। आतंकवादियों के न तो अपने बैंक होते हैं और ना ही हथियारों की factory, फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कभी कमी नहीं होती। आतंकवाद की State sponsorship सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि लोग अभी भी good terrorist और bad terrorist का भेद करने की गलती कर रहे हैं। पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है। आतंकवाद और radicalisation से निपटना विश्व के नेतृत्व की सबसे खरी कसौटी है। पीएम ने कहा कि अब भारत के सहयोग से माले की सड़कें ढाई हज़ार एलईडी street lights के दूधिया प्रकाश में नहा रही हैं और 2 लाख एलईडी बल्ब मालदीव वासियों के घरों और दुकानों को जगमगाने के लिए आ चुके हैं।